स्वर विज्ञान योगीजनों का एक गहरा रहस्य है
𝘃𝗼𝗰𝗮𝗹 𝘀𝗰𝗶𝗲𝗻𝗰𝗲 𝗶𝘀 𝗱𝗲𝗲𝗽 𝘀𝗲𝗰𝗿𝗲𝘁 𝗼𝗳 𝘆𝗼𝗴𝗶𝘀?
स्वर विज्ञान
1. स्वर ईश्वर है और यही जीवन है जिसे शवास सरुप में आभास किया जाता है
2. मूलतः तीन स्वर चलते हैं जिनसे वायु की आपूर्ति होती है पूरे शरीर में संचलित रहती है
3. दाँए नथुने से चलने वाले स्वर को सूर्य स्वर या पिंगला नाड़ी का चलना कहते हैं
4. बाएं नथुने से चलने वाले स्वर को चंद्र स्वर या इंगला या इंड़ा नाड़ी का चलना कहते
5. दोनों नथुनों से चलने वाले स्वर को ईश्वर स्वर या सुषुम्ना नाड़ी का चलना कहा जाता है
6. शारीरिक तापमान के निर्धारण में इडा और पिंगला नाड़ी बारी बारी से कार्य सम्भालति हैं
7. रीढ़ और दिमाग में मौजूद रहस्यमय नस नाड़ी केंद्रों को ऊर्जा से भरने के लिए और आपका आंतरिक विकास करने के लिए सुषुम्ना नाड़ी चलती है जब सुषुम्ना नाड़ी चले तभी ध्यान, ईश्वर प्रार्थना, ईश्वर दर्शन करना लाभदायी होता है, ये दिन में किसी भी वक़्त चल सकती है जब आप मानसिक और शारीरिक रूप से शांत और स्वस्थ होते हैं।
9. सुषुम्ना जब चले उस वक़्त सोना नहीं चाहिए क्योंकि इससे आयु घटती है ये खासकर शाम 5 से 7:30 तक चलती है, इस समय ध्यान या ईश्वर आरती, प्रार्थना करनी चाहिए.
10. योगियों के तीनो नाडियों और नियंत्रण होता है वो जब चाहें जो नाड़ी चला लें तभी योगी गर्मी और सर्दी से परे होते हैं क्योंकि वो इससे बचने के तरीके जानते हैं और जब उन्हें समाधि में उतरना होता है तो वे सुषुम्ना नाड़ी चला लेते हैं
11. सुषुम्ना नाड़ी पर नियंत्रण बिना प्राणायाम संभव नहीं
12. वरदान और श्राप सुषुम्ना चलने पर ही फलीभूत होते हैं पर इसका गलत इस्तेमाल से आप नरक भोगते हैं
13. स्वर बदलकर आप कई बीमारियों से बच सकते हैं
14. यदि आप किसी के पास अपने कार्य से संबंधित विषय जैसे नौकरी, मुकदमा, व्यवसाय के लिए जा रहे हैं तो चलते समय उसी पैर को दरवाजे के बाहर रखें जिस ओर का स्वर चल रहा हो, और वहाँ पहुचने पर उस व्यक्ति विशेष को अपने उसी स्वर की तरफ रखें इससे आप सफल होंगे अब ये कोई ज्योतिष ज्ञान मैं यहाँ नहीं लिख रही हूँ आपका शरीर ब्रह्माण्ड और पिंड सरुप में जुडा है
15. यदि आप अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं तो सुबह सूर्य उदय के पहले उठें और जिस और का स्वर् चल रहा हो उसी तरफ के हाँथ को अपने चेहरे पर फेरें और जमीन उसी हाँथ से प्रणाम करें फिर उसी तरफ के पैर को जमीन में रखकर दिन की शुरुवात करें इससे अचूक लाभ होगा ये काल पर विजय पाने के नियम है जिस तरह आप सिर्फ बुधवार, शुक्रवार, रविवार को ही कपड़े धोते हैं, दाढ़ी बनाते हैं, बाल कटवाते हैं, नाखून काटते हैं, इनसे आपकी उम्र बढ़ती है बीमारिया नहीं लगतीं क्लेश, झगड़ा नहीं होता, आपका भाग्यउदय होता है, ये काल पर विजय पाने के अचूक तरीके हैं क्यूंकि आप सृष्टि के अनुकूल हो चलते है
16.जब सर या शरीर दर्द करे तो जिस तरफ का नथुने से स्वास चल रहा हो उसी करवट लेट जाएं फिर स्वर बदल जायेगा और आपको राहत मिलेगी
17. जिन्हें अपच, जैसी समस्या है तो ध्यान देकर पहले दाहिने या पिंगला स्वर को चला लें बाई करवट लेटकर जब दाहिना स्वर चलने लगे तब ही भोजन करें, और फिर 5 मिनट बाद बाई करवट लेट जाएं लाभ होगा
18. जिन्हें दमा की बीमारी हो और जैसे ही स्वास फूलने लगे तो उस वक्त जो भी स्वर चल रहा हो उसे तुरंत बदल दें और एक महीने तक इसे करें इससे आपको अत्यंत लाभ मिलेगा
छोटी छोटी समस्यायों से बचाते हैं स्वर विज्ञान अति विस्तृत है ये तो उसका क्षुद्र अंश है, सम्पूर्ण स्वर विज्ञान तो आपको महारथी बना सकता है
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